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गज केसरी योग: जानें आपकी किस्मत में ये शुभ राजयोग है या नहीं

By December 20, 2022December 4th, 2023No Comments
Gaj Kesari Yog

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कई प्रकार के योग बताए गए हैं मान्यता है कि इन राजयोगों की जातक के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाने में बड़ी भूमिका होती है। हिन्दू धार्मिक ग्रन्थ जैसे वेद और पुराण के अनुसार कुंडली में कुल 32 राजयोग होते हैं इनमे कुछ प्रमुख हैं – नीचभंग, गजकेसरी, बुधादित्य आदि। ये राजयोग इतने प्रभावशाली होते हैं कि इनके प्रभाव से जातक बड़े से बड़े संकट से भी निकल जाता है साथ ही अतुलनीय धन, यश और वैभव प्राप्त करता है आइये जानते हैं इन्स्टाएस्ट्रो के ज्योतिष से कुंडली में गजकेसरी योग के बारें में।

क्या होता है गजकेसरी योग ?

गजकेसरी योग अत्यंत ही शुभ योग माना जाता है यह कुंडली में बनने वाले अनेक धन योगों में सबसे प्रबल होता है। किसी भी जातक की कुंडली में गुरु और चंद्रमा दोनों ही अत्यधिक शुभ ग्रह होते हैं अतः यह योग धन के कारक ग्रह गुरु अथवा बृहस्पति और मन के कारक ग्रह चंद्रमा के योग से बनता है।

Rupee Coin

गजकेसरी योग का गुरू और चन्द्र ग्रह से संबंध

जब गुरु और चंद्र पूर्ण बलवान स्थिति में होते हैं तब गजकेसरी योग बनता है। यह योग हाथी और सिंह के संयोग से बनता है। गज में अपार शक्ति और सिंह में अदम्य साहस होता है। इसी प्रकार जिस जातक की कुंडली में गजकेसरी योग होता है, वह बलवान, निडर और शक्तिशाली होता है वह गज के समान शक्ति प्राप्त करता है। और अपने साहस से सभी कार्य सिद्ध करता है।

Jupiter and Moon Planets

कैसे बनता है गजकेसरी योग ?

कुंडली में गजकेसरी योग गुरु और चंद्र ग्रह के योग से बनता है। अगर कुंडली के केंद्र स्थान यानी लग्न, चौथे और दसवें भाव में गुरु-चंद्र ग्रह साथ हो और बलवान स्थिति में हो तो यह योग बनता है। अगर चंद्रमा पर गुरु की दृष्टि पड़ रही हो तो भी गजकेसरी योग बनता है।
इस योग में सबसे बलवान राजयोग वो होगा जिसमें गुरु ग्रह अपनी उच्च राशि में चंद्र ग्रह के साथ हो। या फिर चंद्र ग्रह अपनी उच्च राशि में गुरु ग्रह के साथ हो। उत्कृष्ट गजकेसरी राजयोग का उदाहरण – यदि मेष लग्न की कुंडली में चौथे भाव में गुरु चन्द्रमा के साथ हो सबसे बलवान गजकेसरी योग का निर्माण होगा।

जब चन्द्र या गुरु का किसी अशुभ ग्रह से संबंध बनाता है तब गजकेसरी राजयोग की स्थिति नहीं बन सकती। जैसे – राहु, केतु, शनि। गजकेसरी योग जब कुंडली के चतुर्थ व दशम भाव में बनता है तो जातक को अपने व्यवसाय में अपार सफलता मिलती है। इसके अतिरिक्त उसे भूमि, घर तथा वाहन का भी सुख प्राप्त होता है।

Moon Planets

कुंडली के विभिन्न भावों में गजकेसरी योग का प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मानव की कुंडली में कुल बारह भाव होते हैं उन सभी भावों में से किसी भी भाव में जब गजकेसरी योग बनता है तब प्रभाव भिन्न होता है।

Kundli Me GajKesari Yog

प्रथम भाव
यदि कुंडली के पहले भाव (लग्न भाव) में यह योग बनता है तो जातक को लोकप्रियता मिलती है। ऐसा व्यक्ति नेता या अभिनेता होता है। उसे देखने के लिए जनता उतावली हो जाती है। वह राजाओं वाला सुख भोगता है। इस योग के प्रभाव से वह व्यक्ति कभी गलत रास्ते पर नहीं जाता।

दूसरा भाव

यदि यह योग कुंडली के दूसरे भाव (धन भाव) में बने तो वह जातक किसी अमीर घराने में जन्म लेता है। उसे धन-दौलत की कमी नहीं रहती। ऐसे जातक कथा वाचक अथवा साधु-संत भी हो सकते हैं। इन्हें उत्कृष्ट वाणी का वरदान प्राप्त होता है।

तीसरा भाव
गजकेसरी योग कुंडली के तीसरे भाव (पराक्रम व भाई-बहन के भाव) में बने तो इससे जातक के साथ उसके भाई-बहन को भी उच्च पद प्राप्त होता है। ऐसा जातक पराक्रमी होता है। और समाज में मान-सम्मान पता है।

चौथा भाव
गजकेसरी योग यदि कुंडली के चौथे भाव (सुख-सम्पति व माता स्थान) में योग बनाए तो जातक को अपनी मां से अत्यंत प्यार मिलता है। उसे भूमि और वाहन की भी प्राप्ति होती है।

पाँचवा भाव
कुंडली के पंचम भाव (पुत्र या बुद्धि भाव) में यह योग बने तो जातक अपनी बुद्धि के बल पर धन कमाता है। ऐसा जातक स्कूल टीचर, वैज्ञानिक आदि बुद्धिमान प्रवृत्ति वाला पेशेवर होता है। वह उच्च कोटि का लेखक भी हो सकता है। ऐसे जातक को संतान प्राप्ति से अत्यंत सुख मिलता है।

छठा भाव
कुंडली के छठे भाव (शत्रु या रोग भाव) में यह योग कमजोर होता है। इससे शत्रुओं से हमेशा भय बना रहता है। साथ ही जातक की माता के लिए यह योग ठीक नहीं होता। उनका स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।

सातवाँ भाव
कुंडली के सप्तम भाव में यह योग बनने से व्यक्ति का जीवनसाथी किसी उच्च पद पर आसीन होता है। ऐसे जातक की शादी किसी उच्च घराने में होती है। उसका जीवनसाथी उच्च विचारों वाला होता है। और वैवाहिक जीवन सफल होता है।

अष्टम भाव
अष्टम भाव (आयु भाव) में भी गजकेसरी योग कमजोर होता है। इस योग से जातक गुप्त विद्या, तंत्र विद्या की और आकर्षित हो जाता है। इस योग के जातक तांत्रिक और साधु-संत देखे जाते हैं। यह योग गुप्त धन की प्राप्ति के लिए बनता है।

नवम भाव
कुंडली के नवम भाव (भाग्य स्थान) में गजकेसरी योग बनने से जातक को अपने भाग्य द्वारा सफलता मिलती है। नवम भाव धर्म और भाग्य का भाव माना जाता है। ऐसा जातक अत्यंत की भाग्यशाली होता है।

दशम भाव
यदि गजकेसरी योग दशम भाव में (कर्म या पिता भाव) बनता है तो जातक के पिता को उच्च पद प्राप्त होता है। ऐसा जातक भाग्य से अधिक कर्म को महत्व देता है और यह गुण उसे समाज में मान-सम्मान प्राप्त करवाता है।

ग्याहरवां भाव
कुंडली के ग्यारहवें भाव में बनने वाला गजकेसरी योग आय के स्रोत बढ़ाता है। ऐसे व्यक्ति को कई जगहों से धन लाभ होता है। ऐसा व्यक्ति घर बैठे भी पैसा कमाता है। और बिना ज्यादा मेहनत किए ही वह धन अर्जित कर लेता है।

बारहवां भाव
कुंडली के बारहवें भाव (खर्च से संबंधित) में गजकेसरी योग कमजोर होता है। इससे जातक धर्म-कर्म पर पैसा खर्च करने वाला हो जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

1. कुंडली में गजकेसरी योग क्या होता है?

गजकेसरी योग गुरु अथवा बृहस्पति और ग्रह चंद्रमा के योग से बनता है। यह अत्यंत ही शुभ योग माना जाता है और कुंडली में बनने वाले अनेक धन योगों में यह सबसे प्रबल होता है।

2. कुंडली में गुरु और चंद्रमा का गजकेसरी योग से क्या संबंध है ?

गजकेसरी योग का गुरू और चन्द्र ग्रह से संबंध – जिस जातक की कुंडली में यह योग होता है वह गज के समान शक्तिशाली और सिंह के समान साहसी होता है। उस जातक में सिंह और हाथी की विशेषताएँ होती हैं जिससे वह सफलता अर्जित करता है।

3. वेद और पुराण के अनुसार कुंडली में कितने राजयोग होते हैं?

ज्योतिष शास्त्र में कुल 32 प्रकार के राजयोग बताये गये हैं। इनमें से कुछ प्रमुख राजयोग हैं – गजकेसरी, नीचभंग, बुधादित्य।कुंडली के प्रथम भाव में गजकेसरी योग होने से क्या होता है ?कुंडली के प्रथम भाव में गजकेसरी योग होने से व्यक्ति नेता या अभिनेता बनता है। वह जनता में अपना प्रभाव स्थापित कर लेता है। ऐसा व्यक्ति ईश्वर में आस्था रखता है। और यह राजयोग व्यक्ति को गलत राह पर जाने से रोकता है।

4. गजकेसरी राजयोग का कुंडली के बारहवें भाव पर प्रभाव?

इस भाव में गजकेसरी राजयोग कमजोर स्थिति में होता है। इसका अधिक सकारात्मक प्रभाव नहीं होता है। इससे जातक खर्चीले स्वभाव का हो जाता है।

और पढ़ें – कुंडली में होता है राजयोग जिससे व्यक्ति बन जाता है राजा।

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Yashika Gupta

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