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आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए जाने इन उपायों के बारे में

By December 7, 2022December 4th, 2023No Comments
Strength Mutual Relations

आज के भाग-दौड़ वाले जीवन में लोगों के बीच टकराव और विवाद आम बात हो गई है। अक्सर घर ऑफिस या व्यावसायिक क्षेत्र के मतभेद हो जाते हैं। सास बहू के बीच तर्क-वितर्क, पति/पत्नी में बहस , पिता-पुत्र का झगड़ा और बॉस-एम्प्लोयी के बीच वाद-विवाद होते ही रहते हैं। आपसी संबंध सुधारने के लिए अपने आचरण और व्यवहार में परिवर्तन लाना पड़ता है। तो आइए इंस्टाएस्ट्रो के ज्योतिष से जानते हैं विवाद दूर करने के उपाय।

कुंडली के बारह भाव –

मनुष्य की कुंडली में कुल बारह भाव होते हैं। और प्रत्येक भाव का हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है। जीवन से संबंधित सभी विषयों पर कुंडली के बारह भावों का असर होता है। जैसे – विवाह, नौकरी, तरक्की, तलाक, संतान प्राप्ति, मृत्यु आदि।
कई बार कुंडली के भावों की स्थिति बिगड़ जाती है और मनुष्य को तकलीफें सहनी पड़ती हैं। तो आइये जानते हैं इन्स्टाएस्ट्रो के ज्योतिष से कुंडली के 12 भावों के ये उपाय।

Kundli Ke Barah Bhav

प्रथम भाव : यदि जातक की कुंडली में प्रथम भाव पीड़ित है इसके संकेत हैं – स्वयं से रहना, जानबूझकर गलतियां दोहराना, चिड़चिड़ा स्वभाव होना आदि।
इसका उपाय है स्वयं से मित्रता करना। आत्मनिरीक्षण करके अपनी गलतियों और खूबियों को पहचानना। प्रथम भाव के इस उपाय से जातक उन्नति कर सकता है।

दूसरा भाव : कुंडली में दूसरा भाव पीड़ित होने से परिवार और कुटुंब में विवाद बने रहते हैं। बात बात पर कलह-क्लेश होते रहती हैं। और संबंधों में कटुता आती है।
उपाय- जातक को अपना अहंकार दबाकर, सबसे विनम्रता से पेश आना चाहिए। छोटों से प्यार, बराबर वालों से मित्रता और बड़ों का सम्मान करना चाहिए।

तीसरा भाव : अगर किसी व्यक्ति की कुंडली का तीसरा भाव पीड़ित है तो उसे छोटे भाई बहनों का स्नेह नहीं मिलता। उनसे मधुर संबंध नहीं होते।
उपाय – यदि जातक उम्र में अपने से छोटी लड़की को बहन बनाए तो कुंडली का यह भाव सुधार सकता है।

चौथा भाव : यदि कुंडली में चतुर्थ भाव पीड़ित है तो जीवन में माँ के सुख में कमी अनुभव होती है। माता का स्वास्थ्य भी खराब रहता है।
उपाय – अपनी माता का सम्मान करें और उनके प्रति मित्रवत व्यवहार रखें। माँ के नाम से वृद्धआश्रम में दान करें।

पंचम भाव : अगर किसी की कुंडली में पंचम भाव पीड़ित हो तो उसे संतान सुख नहीं हो पाता है। या फिर संतान का स्वास्थ्य हमेशा खराब रहता है।
उपाय- प्रत्येक वर्ष गरीब बच्चों को कपड़े दान करें। सात गुरूवार तक गरीब बच्चों को हवा भरे गुब्बारे दें। इससे लाभ होगा।

छठा भाव : यदि कुंडली में छठा भाव पीड़ित हो तो मामा से मधुर सम्बन्ध नहीं होते। या फिर मामा की कुंडली में रोग,शत्रु तथा ऋण का साये बना रहता है।
उपाय – मामा से अपने रिश्ते को सुधारें। वाणी पर संयम रखे और हमेशा मीठा बोले।

सातवें भाव : यदि जातक की कुंडली का सातवाँ भाव पीड़ित हैं तो शादी में विलंब होता है। या वैवाहिक जीवन कष्टमय होता है।
उपाय- हर सुख दुख में अपने जीवनसाथी के कदम से कदम मिलाकर चलें। अपने पति या पत्नी की भावनाओं का सम्मान करें।

आठवां भाव : यदि कुंडली का आठवां भाव पीड़ित है तो व्यक्ति का ससुराल पक्ष सदैव विवादों में फंसा रहता है। आर्थिक अभाव के चलते संबंध भी खराब हो जाते हैं।
उपाय – अपने ससुराल वालों से अच्छे संबंध बनाएं। अपने सास ससुर का ध्यान रखें।

नवम भाव : कुंडली में कुंडली में नवम भाव पीड़ित होने से जातक को पोते का सुख नहीं मिलता है। या पोते से संबंध मधुर नहीं रहते हैं।
उपाय- छोटे बच्चों से प्रेम पूर्वक व्यवहार करें। अनाथ बच्चों को कपडे, खिलौने आदि देकर उनकी मदद करें।

दशम भाव : यदि जातक की कुंडली में दशम भाव पीड़ित हो तो उसके पिता का जीवन कष्टमय होता है। उन्हें हर कार्य में असफलता मिलती है।
उपाय – पूर्ण श्रद्धा से अपने पिता की सेवा करे और उनका आदर करें। वृद्ध पुरूषों का आशीर्वाद लें और वृद्धाश्रम में दान करें।

एकादश भाव : यदि कुंडली का ग्याहरवां भाव पीड़ित है तो जातक को बड़े भाई का सुख नहीं प्राप्त होता है। साथ ही जातक को अपनी मेहनत का फल नहीं मिलता है।
उपाय – अपने बड़े भाई का सम्मान करें। उनसे मधुर संबंध बनाए तथा अपने महत्वपूर्ण कार्यों में उनकी सलाह लें।

बारहवां भाव : यदि कुंडली के बारहवें भाव पीड़ित है तो चाचा से कटु संबंध होते हैं। साथ ही आय काम और व्यय ज्यादा होते हैं। नेत्र दोष भी हो सकता है।
उपाय- अपने चाचा से मधुर संबंध बनाने का प्रयास करें। उनका आदर सम्मान करें। इसके अतिरिक्त सप्ताह में एक दिन गाय को हरा चारा खिलाएं।

कुंडली के 12 भावों के ये उपाय का पालन करके आप अपने आचरण में परिवर्तन ला सकते हैं इस प्रकार संबंधों में मधुरता ला सकते हैं और एक खुशहाल जीवन जी सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने प्रश्न –

1. अपने संबंधियों से विवाद दूर करने के उपाय क्या हैं?

ज्योतिष शास्त्र में कुंडली के बारह भावों के दोष दूर करने के अलग-अलग उपाय बताए गए हैं इन उपायों का पालन करने से आप अपने सम्बन्ध मधुर कर सकते हैं और वाद-विवाद से बाख सकते हैं।

2. कुंडली के भावों का जीवन पर क्या असर पड़ता है?

ब्रह्माण्ड के सभी ग्रहों और नक्षत्रों का प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है उसी प्रकार हमारी कुंडली के विभिन्न भावों से भी हमारे जीवन में परिवर्तन आते हैं जब कुंडली के बहव सही स्थति में हो तब जीवन अच्छा चलता है परन्तु जब कुंडली के भावों की स्थिति बिगड़ जाती है तब मनुष्य को तकलीफें सहनी पड़ती हैं।

3. कुंडली के बारह भावों के उपाय क्या हैं?

कुंडली के 12 भावों के ये उपाय हैं – अपने परिवार जनों और रिश्तेदारों का हमेशा आदर-सत्कार करें कभी भी घर के किसी सदस्य से वाद-विवाद न करें श्रद्धा अनुसार गरीबों, अनाथ बच्चों और बेसहारा वृद्धों को दान दें जानवरों को चारा खिलाएं और दूसरों के प्रति हमेशा अच्छी भावना रखें।

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Yashika Gupta

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