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जानें शिव जी के हाथों में त्रिशूल कैसे आया?

By October 17, 2022December 1st, 2023No Comments
शिव जी का त्रिशूल , shiv ji

आइए जानते हैं भगवान शिव के बारे में भगवान शिव को आदिकाल कहा जाता है।ये सनातन धर्म के प्रमुख देवता है। शिवजी त्रिदेव में से एक है। शिव जी को महादेव के नाम से भी जाना जाता है। शिव जी के भक्त उनको कई नामों से पुकारते हैं। जैसे-आदिकाल,शंकर,रूद्र,गंगाधर,नीलकंठऔर भोलेनाथ आदि। इनकी धर्मपत्नी का नाम देवी पार्वती है। शिव जी के कई अस्त्र हैं। परंतु शिव जी त्रिशूल को मुख्य रूप से धारण करते हैं। आज हम जानेंगे शिव जी के हाथों में त्रिशूल कैसे आया?और भगवान शिव के त्रिशूल का रहस्य क्या था?

भगवान शिव

शिवजी के त्रिशूल का रहस्य-

भगवान शंकर को सबसे प्रिय देव माना जाता है। वह लोकों में सबसे सर्वश्रेष्ठ है। इसलिए उनके पास सभी प्रकार के अस्त्र पाए जाते हैं। जिनमें त्रिशूल का सबसे ज्यादा उपयोग करते हैं। शिव जी का त्रिशूल पुरे लोकों सबसे ज्यादा शक्तिशाली माना गया है। आइये जानते हैं शिव जी के हाथों में त्रिशूल कैसे आया?

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त्रिशूल

शिव जी के हाथों में त्रिशूल कैसे आया?

भगवान शिव के त्रिशूल की पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है। जब सृष्टि की रचना की गयी। तब शिव जी प्रकट हुए थे। शिव जी के साथ तम,सत और रज यह तीन गुण भी आये थे। यही गुण शिव जी के त्रिशूल में भी पाए जाते हैं। यह गुण अत्यधिक शक्तिशाली थे। इनको एक साथ रखना अत्यधिक कठिन था। इसलिए शिव ने त्रिशूल में इन तीनों गुण को समाहित कर लिया। शिव जी ने इस त्रिशूल को अपने हाथों में ले लिया था। इसलिए शिव के त्रिशूल के तीन शूल होते हैं।महादेव का त्रिशूल प्रकृति के तीन प्रारूप को दर्शाता है। आविष्कार,तबाही और रखरखाव। त्रिशूल में तीनों काल भूतकाल,वर्तमान काल और भविष्य काल शामिल है। इस कारण शिव जी को त्रिकालदर्शी भी कहते हैं। शिव जी का त्रिशूल पवित्रता और शुभ कर्म का प्रतीक माना गया है।

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शिव जी

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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