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जानें महाराणा प्रताप को साहसी योद्धा के रूप में क्यों जाना जाता है?

By May 31, 2022November 21st, 2023No Comments
Maharana Pratap

महाराणा प्रताप के बारे में-

प्रताप का पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था। यह उदयपुर के मेवाड़ में सिसोदिया राजपूत वंश के राजा थे। उन्होंने राजा अकबर की गुलामी करना स्वीकार नहीं किया था। अपने संघर्ष को कई साल तक जारी रखा था। मुगलों के राज्य में महाराणा प्रताप ने मुगलों को कई युद्ध में हराया था।इनके पिता का नाम राणा उदयसिंह था। महाराणा प्रताप की माता का नाम जैवन्ताबाई सोनगरा था।

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप जी का जन्म ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया को हुआ था। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार महाराणा जी का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था। पूरे विश्व में महाराणा प्रताप का नाम महान सपूतों में लिया जाता है। यह इकलौते ऐसे राजा थे जो कभी मुगलों के सामने झुके नहीं थे। महाराणा प्रताप ने अपने जीवन में 11 बार विवाह किया था। 1582 का दिवेर युद्ध महत्वपूर्ण युद्ध माना गया है। इस युद्ध में महाराणा प्रताप ने जीत हासिल कर अपने राज्य वापस ले लिए थे। इस युद्ध को मुग़ल साम्राज्य और महराणा प्रताप के बीच विश्व का सबसे बड़ा युद्ध था। जिसे मेवाड़ का मैराथन कहा गया।

महाराणा प्रताप जयंती 2022 कब है?

2022 में महाराणा प्रताप जयंती 2 जून दिन गुरुवार को है। महाराणा प्रताप जयंती उनके संघर्ष और युद्ध में दिखाए गए साहस के लिए मनाई जाती है। आज भी इतिहास में हल्दीघाटी युद्ध को महाराणा प्रताप के पराक्रम और साहस के लिए याद किया जाता है।

महाराणा प्रताप जयंती का महत्व-

महाराणा प्रताप के मुगलों से कई युद्ध हुए थे। इन युद्धों में महाराणा प्रताप मुगलों के सामने कभी झुके नहीं। हल्दीघाटी का युद्ध बहुत ही ऐतिहासिक युद्ध था। हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर की विशाल सेना का नेतृत्व मानसिंह ने किया था। हल्दीघाटी का युद्ध 1576 में हुआ था। इस युद्ध में अकबर की सेना 80 हजार थी और महाराणा प्रताप की सेना 20 हजार थी। तब भी महाराणा प्रताप ने मुगलों का सामना किया था।

यह मध्यकालीन इतिहास का सबसे बड़ा युद्ध था। इस युद्ध में महाराणा प्रताप का घोड़ा चेतक जख्मी हो गया था और वह मर गया था। इस युद्ध के बाद कई राज्यों जैसे- मेवाड़, गोगुंडा, कुम्भलगढ़ और उदयपुर पर मुगलों ने कब्ज़ा कर लिया था। अनेक राज्य और राजपूत राजा मुगलों के सामने झुक गए थे। महाराणा प्रताप मुगलों के सामने नहीं झुके और उन्होंने कई वर्षों तक संघर्ष किया।

1582 में दिवेर युद्ध लड़ा गया। इस युद्ध को मेवाड़ का मैराथन भी कहा जाता है। इस युद्ध में महाराणा प्रताप ने मुग़ल के उन राज्यों पर कब्ज़ा जमाया। जो मुग़ल ने कभी खो दिए थे। 1585 तक चले इस युद्ध में मेवाड़ को मुगलों के हाथों से वापस ले लिया था। मेवाड़ की भूमि पर अब सिर्फ महाराणा प्रताप का अधिकार था। यह राजा की गद्दी पर बैठे महाराणा प्रताप के साहस और बलिदान के लिए प्रत्येक वर्ष महाराणा प्रताप जयंती को मनाया जाता है।

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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