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जानें द्रौपदी के चीर हरण की सम्पूर्ण कथा।

By June 28, 2022January 22nd, 2024No Comments
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महाभारत काव्य में द्रौपदी की कथा-

हिन्दू धर्म का महाकाव्य महाभारत को माना जाता है। इसमें कई प्रसिद्ध कथाओं का समावेश मिलता है। आज हम आपको बताएंगे। द्रौपदी की चीर हरण की कथा। पांचाल देश की राजकुमारी द्रौपदी का विवाह अर्जुन से हुआ था। अर्जुन ने द्रौपदी से विवाह स्वयम्बर में किया था। जिसमे अर्जुन ने मछली की आँख पर निशाना साध कर विजय हासिल की। इसके पश्चात अर्जुन का विवाह द्रौपदी से हुआ। एक बार की बात है। माता कुंती ने एक ऐसा आदेश दिया। जिसके कारण द्रौपदी पांडवों की पत्नी की तरह सबकी सेवा करने लगी।

Draupadi Ki Katha

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द्रौपदी के चीर हरण की कथा-

हस्तिनापुर का राजा दुर्योधन था। जो पांडवों का चचेरा भाई था। दुर्योधन कौरवों में सबसे बड़ा था। कौरव पांडवों से जलते थे। पांडवों में सबसे बड़े युधिष्ठर थे। जो इस समय इंद्रप्रस्थ नगर में राज्य कर रहे थे। कौरवों का मामा शकुनि बहुत चालाक था। उसने दुर्योधन को सलाह दिया की। कौरवों को जुएं के खेल के लिए बुलाये। इस खेल में पांडवों का सारा राज्य अपने कब्जे में कर ले। दुर्योधन द्वारा बुलाये जाने पर पांडव तैयार हो गए। और खेल को खेलने के लिए आ गए। एक सभा का आयोजन हुआ जिसमें धृतराष्ट्र, भीष्म पितामह, द्रोणाचार्य और महात्मा विदुर जैसे महान लोग भी सम्मिलित हुए।

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इसके पश्चात चालाक शकुनि ने अपने छल के द्वारा पांडवों को हराना आरम्भ किया। सर्वप्रथम पांडव अपना राज्य को हार गए। इसके बाद युधिष्ठिर ने अपने आप और अपने चारों भाइयों को दांव पर लगा दिया और हार गए। अब पांडवों के पास दाव पर लगाने के लिए कुछ नहीं था। द्रौपदी को इस खेल में दांव पर लगा कर पुनः फिर हार गए। दुर्योधन ने द्रौपदी को भी जीत लिया।

Draupadi ke Chir Haran Ki Katha

चीर हरण-

इस खेल में द्रौपदी को जीतने के बाद दुर्योधन ने भाई दुशासन को आदेश दिया। कि द्रौपदी को सभा में लेकर आओ। द्रौपदी पतिव्रता स्त्री थी। इसलिए उन्होंने आने से मन कर दिया। इसके पश्चात दुशासन ने द्रौपदी के बाल पकडे और सभा में घसीट कर ले आया।

दुर्योधन ने दुशासन को दुर्योधन को निर्वस्त्र करने का आदेश दिया। यह सुनकर द्रौपदी ने श्रीकृष्ण को पुकारा। श्री कृष्ण ने यह पुकार सुनी तो। श्री कृष्ण ने द्रौपदी के वस्त्र को बढ़ाना शुरू कर दिया। जैसे जैसे दुशासन द्रौपदी के वस्त्र निकाल रहा था। वैसे वैसे द्रौपदी का वस्त्र बढ़ता जा रहा था। अंत में दुशासन थक के हार गया पर द्रौपदी का चीर हरण नहीं कर पाया।
यह द्रौपदी के चीर हरण की कथा थी। द्रौपदी का चीर हरण ही महाभारत के युद्ध का आधार था।

Draupadi Cheer Haran

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Jaya Verma

About Jaya Verma

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